नवजात शिशु का देखभाल – माता-पिता के लिए टिप्स Newborn Baby Care – Tips For Parents
नवजात शिशु के देखभाल मे शुरू के कुछ महीने माता-पिता के लिए कठिन होता है। नवजात शिशु के देखभाल के लिए आपको कई तहर का सलाह लोगों से मिल जाएगा। नवजात शिशु के देखभाल के लिए उचित सलाह का वर्णन यहां है।
नवजात शिशु की देखभाल करने के लिए युक्तियाँ Tips For Care Newborn Baby
नवजात शिशु का देखभाल करना एक चुनौती जैसा है। विशेष करके जब पहला बच्चा हो। यहां दस उपाय बताया गया है जो नवजात शिशु के देखभाल करने में मदद करेगा।
1. बच्चे का भोजन Food For Baby
समय से बच्चे को भोजन देना बहुत महत्वपूर्ण है। नवजात शिशु को हर 2 से 3 घंटे के अन्तर पर दूध या भोजन दिया जाना चाहिए। आपको 24 घंटे में 8 से 12 बार बच्चे को भोजन देने की जरूरत है। शिशु को शुरू के 6 महीने केवल स्तन का दूध देना चाहिए। स्तन के दूध में महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं जो बच्चे के विकास के लिए आवश्यक होता हैं। कम से कम 10 मिनट तक बच्चे को स्तन का दूध पिलायें। बच्चा जब दूध पी लेता है तो स्तन कम भरा हुआ महसूस होता है। ऐसा महसूस होना एक संकेत है कि बच्चा पर्याप्त दूध पी लिया है। यदि मां के स्तन मे दूध पर्याप्त मात्रा मे नही हो पा रहा हो तो बच्चे को डॉक्टर के सलाह से दूसरा दूध दें। बच्चे को फॉर्मूला दूध का 60 से 90 मिलीलीटर एक बार मे देना चाहिए।
2. Burping
दूध पीने के दौरान बच्चे हवा भी निगल जाते है। Burping अतिरिक्त हवा को निकालता है। इस प्रकार पाचन में सहायता मिलता है। Burping के लिए बच्चे को अपनी सीने से लगायें। बच्चे का ठोड़ी (मुह के नीचे वाला हिस्सा) आपके कंधे पर होना चाहिए। एक हाथ से बच्चे को पकड़ें और दूसरे हाथ से बच्चे के पीठ पर धीरे – धिरे थपकी दें।
3. नवजात शिशु को कैसे पकड़ें How To Catch A Newborn Baby
बच्चे को पकड़ते समय बच्चे का सिर और गर्दन को आप के हाथ से सपोर्ट मिलना चाहिए। क्योंकि बच्चे के गर्दन की मांसपेशियां सिर को पकड़ने के लिए पर्याप्त मजबूत नहीं होती हैं। रीढ़ की हड्डी भी मजबूत नही होती है। बच्चे का गर्दन 3 महीने के उम्र के बाद ही सिर का समर्थन करने में सक्षम होती है। नवजात शिशु को उठाते समय बच्चे के सिर और गर्दन के नीचे अपने हाथ से सपोर्ट करने का ध्यान रखें।
4. कॉर्ड स्टंप केयर Cord Stump Care
शुरु के 2-3 सप्ताह तक बच्चे को स्नान न करायें। उसे साफ कपड़े को गुनगुना पानी मे भिगोकर पोछ दें। नाभी वाले क्षेत्र को साफ और सूखा रखें। बच्चे के डायपर बदलते रहें और स्टंप सूख सके और हवा लग सके इस बात का ध्यान रखें। नाभी क्षेत्र को साफ करने से पहले अपने हाथों को कीटाणुरहित करें। साफ करने के लिए, साफ और नरम कपड़े का उपयोग करें। कॉर्ड-स्टंप क्षेत्र में संक्रमण के लक्षण ना हो इस बात का ध्यान रखें। यदि वहां लाली, सूजन या किसी तरह का संक्रमण हो या नाभी क्षेत्र में खून बह रहा हो, तो बच्चे को बाल रोग विशेषज्ञ से दिखायें।
5. डायपरिंग Diapering
डिलीवरी होने के बाद नवजात शिशु का डायपर बदलना एक महत्वपूर्ण कार्य है। यदि बच्चे को पर्याप्त स्तन दूध या फॉर्मूला दूध मिल रहा है, तो दिन में कम से कम 6 से 8 डायपर गीला होगा। आपको एक दिन 10 बार बदलना पड़ सकता है। यूटीआई से बच्चे को बचाने के लिए अपने बच्चे को रोज कुछ घंटों के लिए डायपर के बिना रखें ता कि हवा लगे।
6. नवजात शिशु को स्नान कराना Bathing A Newborn Baby
स्नान करना एक नाजुक कार्य है। कॉर्ड स्टंप सूखने और गिरने के बाद आपको सप्ताह में 2 से 3 बार बच्चे को स्नान करवाना चाहिए। स्नान कराने के लिए बच्चे को लेने से पहले स्नान कराने के लिए आवश्यक समान पहले से रख लें। स्नान कराने से बच्चे ठीक तरह से सोते है। आपको एक बच्चे के लिए बाथटब, गर्म पानी, बच्चे का स्नान कराने वाला साबुन, मुलायम तौलिया, शिशु लोशन या क्रीम, नए डायपर और साफ बच्चे का कपड़ा आवश्यक है। मदद के लिए अपने साथी या परिवार के सदस्य का सहयोग लें। ताकि कोई आदमी बच्चे का गर्दन पकड़ सके और पानी के उपर सिर रख सके। दूसरा आदमी बच्चे को नहलाये। साबुन का उपयोग कम से कम करें। बच्चे के शरीर के हर भाग को पानी से साफ करें। बच्चे को गर्म पानी से नहलायें। नहलाने के बाद बच्चे के शरीर को मुलायम तौलिया से सूखा लें। उसके बाद लोशन लगाएं और नया डायपर और कपड़े पहना दें।
7. मालिश Massage
मालिश करने से बच्चे का रक्त परिसंचरण , पाचन में सुधार और नींद आने मे मदद मिलता है। अपने हाथों में थोड़ा सा बच्चे का तेल या लोशन लेकर बच्चे के शरीर पर फैलाएं। इसके बाद, धीरे-धीरे मालिश करें। बच्चे के साथ आंखों से संपर्क बनाए रखें और मालिश करते समय बच्चे से बात करें। बच्चे को स्नान कराने से पहले मालिश करना चाहिए।
8. नवजात शिशु को संभालना Handling A Newborn Baby
बच्चे के साथ खेलते समय कुछ ध्यान रखने योग्य बातें हैं। कभी भी अपने बच्चे को झटके से न हिलाएं क्योंकि बच्चे का आंतरिक अंग नाजुक होते हैं और जोर से हिलाने से क्षतिग्रस्त हो सकता हैं। कभी भी बच्चे को हवा में न उछालें, ऐसा करना खतरनाक हो सकता है। बच्चे को लेने से पहले हमेशा अपने हाथों को कीटाणुरहित करें या धो लें, क्योंकि बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली पूरी तरह से विकसित नहीं होती है, और वे जल्दी संक्रमित हो सकते हैं। यदि आप बच्चे को घुमाने के लिए बाहर ले जा रहे हैं तो शिशु वाहक में सुरक्षित रूप से ले जायें। थोड़ी देर के लिए अपने बच्चे को अपने पेट पर लेटायें। ऐसा करने से बच्चे का गर्दन और पीठ की मांसपेशियों को मजबूती मिलता है। ऐसा करने से बच्चे के दृष्टि में भी सुधार होता है।
9. बच्चे का सोना Sleeping Of Baby
नवजात बच्चों को शुरू के 2 महीने में दिन में लगभग 16 घंटे सोने का जरूरत होता है। वे आम तौर पर 2 से 3 घंटे बाद भूख लगने या गीले होने पर जग जाते हैं। बच्चे को हर 3 घंटे पर दूध पिलाया जाना चाहिए। आपको बच्चे को उठाने और उसे दूध पिलाने की आवश्यकता हो सकती है। हर बच्चा अलग स्वभाव का होता है और अलग नींद चक्र का होता है। जब बच्चा सो रहा हो तो आपको बच्चे के सिर की स्थिति को ठीक रखना भी याद रखना चाहिए। मां को बच्चे के साथ सोने का कोशिश करना चाहिए। जब बच्चा सो जाये तो मां स्नान कर सकती है या भोजन कर सकती है।
10. नाखून काटना Nail Cutting
नवजात बच्चे का नाखून तेजी से बढ़ता हैं। बच्चा अपने हाथों से अपना चेहरा या शरीर पर कहीं भी खरोंच सकता है। इसलिए, बच्चे के नाखूनों को काटते रहना चाहिए। बच्चे का नाखून नरम होता है, इसलिए बेबी नाखून कटर का उपयोग करें। जब बच्चा सो जाये तो धीरे-धीरे नाखूनों को काटें। नाखून को बहुत गहराई से न काटें नहीं तो बच्चे के लिए दर्दनाक हो सकता है।
नवजात शिशु का पहली बार देखरेख मे नये माता-पिता को कई पहलुओं के बारे में काफी परेशानी हो सकती हैं। नए माता-पिता को दोस्तों या परिवार के सदस्यों से मदद लेनी चाहिए ताकि वे आराम कर सकें और खुद का भी ख्याल रख सकें।
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