हिंदू और मुस्लिम एक साथ क्यों नहीं रह सकते? Why Hindus And Muslims Can Not Live Together?
हिंदू और मुसलमान के मुठभेड़ों का लंबा इतिहास है। दोनों धर्मों का विचार अलग – अलग है। इस्लाम एक ईश्वर वादी और मूर्ती पूजा का विरोधी है। हिंदू धर्म विभिन्न देवताओं, संस्कारों और मान्यताओं को मानने वाला हैं। दोनो के विचारों मे समानता नहीं है। धर्म और विचार अलग – अलग होने से आपस मे वैचारिक मतभेद रहता है। गाय को हिन्दू माता समान मानते है क्योकि गाय का दूध माता के दूध के समान है। गाय का मुत्र भी दवा समान है। गाय हमारे जीवन के लिए बहुत उपयोगी है। दूसरे तरह मुस्लिम हिन्दूओ के भावनाओ को ठेस पहुँचा कर गाय का हत्या करके खा जाते है।
मुस्लिम लुटेरों का भारत पर आक्रमण
एक हजार साल पहले कुछ लुटेरों को साथ लेकर महमूद गजनी अफगानिस्तान से सिंधु नदी के मैदानी इलाकों में हमला करने के लिए आ गया। मुस्लिम हमलों की पहली लहर तभी से शुरू हुई, जब गजनी के महमूद हमला करने के लिए आ गया और हिंदू मंदिरों के आभूषण, धन और सुनहरे चित्रों की विशाल संपत्ति को लूट लिया। वो लालची लुटेरा सन् 1024 में, पश्चिम तट पर सोमनाथ मंदिर लुटने के लिए पहुँच गया। जो अब गुजरात राज्य मे है।
कहा जाता है कि सोमनाथ मंदिर भारत का सबसे ज्यादा संपत्ति वाला और सबसे शानदार हिंदू मंदिर था, वहां हर दिन 1,000 ब्राह्मणों ने विशाल लिंगम की पूजा करते थे। भगवान शिव का प्रतीक, 13.5 फीट ऊंचा था और 4.5 फीट की परिधि में था। जब महमूद मंदिर पर हमला किया तो हिंदुओं ने असंगठित तरीके से विरोध किया।
राष्ट्रवादी इतिहासकारों के मुताबिक महमूद गजनी द्वारा नरसंहार में 50,000 हिंदुओं की मौत हो गई थी और मंदिर को धराशायी कर दिया गया था। पवित्र शिव लिंग को तोड़ दिया गया और मंदिर लूट लिया गया था।
आक्रमण और हिन्दूओं का अपमान मुसलमानो द्वारा चलता रहा। महमूद के बाद आक्रमण का अंत नहीं हुआ 12 वीं शताब्दी से 14वीं सताब्दी तक आक्रमण जारी रहा। कई मुस्लिम लुटेरे भारत को लुटने के लिए हमला किये महमूद गजनवी, मुहम्मद बिन कासिम, मुहम्मद गोरी, चंगेज खां, तैमुरलंग के बाद बाबर ने इस देश को लूटा ही नहीं बल्कि यहां शासन भी किया। 1398 में तैमूरलंग का आक्रमण बहुत भयानक था। इस आक्रमण मे 5 लाख हिन्दूओं की मौत हुई थी।
मुगल साम्राज्य की स्थापना
1526 में मुगल साम्राज्य की स्थापना दिल्ली में हुई थी। मुगल साम्राज्य का सम्राट अकबर ने 16 वीं शताब्दी में लंबे समय तक और उल्लेखनीय सम्राट हुए। वे हिंदू राजकुमारी से शादी किये और हिंदू मंत्रियों की नियुक्ति की। लेकिन उनके उत्तराधिकारी, विशेष रूप से औरंगजेब (1658-1707 ) उसी पुराने मुस्लिम तरीकों को अपनाया। औरंगजेब लाखों हिन्दूओं को मुस्लिम बनाया।
जब भारत मे अंग्रेजों का शासन हुआ। तब तक अंतहीन हमलों ने भारतीय उपमहाद्वीप को हिंदुओं से परिवर्तित मुसलमानों की एक बड़ी आबादी बन गयी। उनकी भाषा उर्दू था। इतिहास गवाह है, कभी भी हिन्दू, मुस्लिम देश पर हमला नहीं किया है। लेकिन मुस्लिम कई बार हिन्दुओं पर आक्रमण करके लूट – पाट किये और लाखों हिन्दूओं को जबरन मुसलमान बना दिये। इराक के मुसलमान भारत के मुसलमान को मुस्लिम नही मानते है। वो कहता है कि ये हिन्दू से मुसलमान बनाये गये है।
भारतीय मनोविश्लेषक और लेखक लिखते हैं कि उन दिनों हिंदू और मुसलमान अलग-अलग रहते थे। वे अजनवियों जैसा रहते थे, वे आपस मे न तो दुश्मन थे ना ही दोस्त। भारत का बटवारा भी इसी तर्क पर हुआ था कि हिन्दू और मुस्लिम दोनो अलग – अलग कौम है। वे आपस मे एक साथ नही रह सकते।