Biography Of Atal Bihari Vajpayee In Hindi अटल बिहारी वाजपेयी का जीवनी
अटल बिहारी वाजपेयी का स्वर्गवास Atal Bihari Vajpayee passes away
पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का 16-08-2018 दिन गुरुवार को 5.05 बजे दिल्ली के एम्स में निधन हो गया। वे 93 वर्ष के थे। मेडिकल बुलेटिन में, अस्पताल ने कहा कि उनकी हालत पिछले 36 घंटों से बिगड़ गई थी और उन्हे लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था। “सबसे अच्छे प्रयासों के बावजूद, हमने आज उन्हे खो दिया।” इन्हे 11 जून 2018 को नई दिल्ली में ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) में kidney tract infection, urinary tract infection, low urine output and chest congestion के वजह से भर्ती कराया गया था। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, ममता बनर्जी, वेंकैया नायडू, कई केंद्रीय मंत्री और सीएम और यहां तक कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशरफ ने भी उनकी मौत पर शोक व्यक्त किया ।
अटल बिहारी वाजपेयी की जीवनी Biography Of Atal Bihari Vajpayee
जन्मदिन : 25 दिसंबर, 1924
जन्म स्थान : ग्वालियर
प्रसिद्ध : भारत के पूर्व प्रधान मंत्री
राजनीतिक विचारधारा : भारतीय जनता पार्टी
पिता : कृष्णा बिहारी वाजपेयी
माता : कृष्णा देवी
धर्म : हिंदू धर्म
अटल बिहारी वाजपेयी एक सम्मानित और अनुभवी राजनेता थे। वे तीन बार भारत के प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किये थे। वे लगभग पांच दशकों तक भारतीय संसद के सदस्य थे। वे एकमात्र ऐसे संसद सदस्य थे जो विभिन्न राज्यों, अर्थात् उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात और दिल्ली से चार अलग-अलग राज्यों से चुने गए थे। वे 1947 के पहले के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान राजनीति में अपनी भूमिका निभाये थे। वे भारत छोड़ो आंदोलन में हिस्सा लिये। जिससे उनकी गिरफ्तारी और कारावास हो गया था। वे एक सच्चे देशभक्त, एक भारतीय राष्ट्रवादी और भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। अटल बिहारी वाजपेयी एक बहुमुखी व्यक्तित्व के धनी थे। वे एक कुशल कवि थे। उनकी कई कवितायें प्रकाशित हुई है। यू.एन. जनरल असेंबली में हिंदी में भाषण देने वाले वे पहले व्यक्ति थे। वे अपने मूल भाषा हिंदी के लिए भी जाने जाते थे। वे अपने व्याख्यात्मक कौशल के लिए बहुत प्रसिद्ध थे और प्रधान मंत्री चुने जाने से पहले भारतीय राजनीति में कई प्रतिष्ठित पदों पर थे। भारत के प्रधान मंत्री के रूप में उनका पहला कार्यकाल केवल 13 दिनों तक चला। दो साल बाद वे फिर से दूसरी बार प्रधान मंत्री के रूप में शपथ लिए। इस बार , उनकी सरकार एक साल से अधिक समय तक चली। प्रधान मंत्री के रूप में उनका तीसरा कार्यकाल सबसे सफल था और वे पांच साल की पूर्ण अवधि की सेवा किये।
बचपन और प्रारंभिक जीवन Childhood & Early Life
- अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म ग्वालियर में एक मध्यम श्रेणी के परिवार में हुआ था। उनके पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी, एक स्कूल शिक्षक और कवि थे। उनकी माता का नाम कृष्णा देवी था।
- उनकी प्रारम्भिक शिक्षा सरस्वती शिशु मंदिर में हुआ। बाद में विक्टोरिया कॉलेज गए जहां से वे हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत में स्नातक किये।
- वे स्नातकोत्तर कि शिक्षा पूरा करने के लिए डीएवी कॉलेज, कानपुर में दाखिला लिये और राजनीति विज्ञान में एमए किये।
- उनके दिल में देशभक्ति थी। वे छात्र के रूप में स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिए और राष्ट्रवादी हिंदी समाचार पत्रों को संपादक का काम किये।
राजनीतिक कैरियर Political Career
- वे 1951 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा स्थापित एक राइट विंग राजनीतिक दल भारतीय जन संघ (बीजेएस) से जुड़े। वे मुखर्जी के वफादार बन गए।
- वाजपेयी जी 1957 में बलरामपुर (यूपी) से पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए थे। वे खुद को एक उत्कृष्ट वक्ता साबित किये और अपने ओजस्वी भाषण के लिए प्रसिद्ध हुए।
- दीनदयाल उपाध्याय की मृत्यु के बाद उन्हें 1968 में जनसंघ का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था। अगले कुछ वर्षों में वे जनसंघ को भारतीय राजनीति में एक प्रमुख उपस्थिति बनाने के लिए नानाजी देशमुख, बलराज मधोक और लालकृष्ण आडवाणी के साथ अथक रूप से काम किये।
- 1977 में भारतीय जन संघ, जनता पार्टी बनाने के लिए भारतीय लोक दल और सोशलिस्ट पार्टी के साथ एकजुट थी। आम चुनाव में जनता पार्टी की जीत के बाद, प्रधान मंत्री मोरारजी देसाई की सरकार में वाजपेयी जी विदेश मंत्री थे।
- 1979 में मोरारजी देसाई के प्रधान मंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद जनता पार्टी को भंग कर दिया गया था। लालकृष्ण आडवाणी और भैरों सिंह शेखावत के सहयोग से वाजपेयी जी ने 1980 में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का गठन किये।
- 1984 के चुनाव के बाद, जब बीजेपी को दो सीट मिला। वाजपेयी जी ने पार्टी बनाने के लिए अथक काम किये और 1989 में भाजपा ने अगले संसदीय चुनावों में 88 सीटें जीतीं।
- 1991 तक, बीजेपी प्रमुख विपक्षी दल के रूप में उभरा था और पार्टी ने 1 991 के संसदीय चुनावों में 120 सीटें जीती थीं।
- वे 1993 में संसद में विपक्ष के नेता बने और नवंबर 1 995 में मुंबई में बीजेपी के सम्मेलन में उन्हें भाजपा के प्रधान मंत्री पद के उम्मीदवार घोषित किया गया।
प्रधान मंत्री के रूप में करियर Career as the Prime Minister
- 1996 के आम चुनाव में बीजेपी लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी के रूप मे उभरी। मई 1996 में अटल जी ने प्रधान मंत्री के रूप में शपथ लिए। हालांकि, भाजपा बहुमत सिद्ध नहीं कर सका और अटल जी को 13 दिनों बाद इस्तीफा देना पड़ा।
- 1998 में भाजपा एकमात्र सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी और अन्य राजनीतिक दलों के साथ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का गठन करने के बाद वे फिर से प्रधान मंत्री के रूप में शपथ लिए। यह सरकार 13 माह तक चली।
- इस कार्यकाल के दौरान भारत ने मई 1998 में पोखरन में भूमिगत परमाणु परीक्षण किया था
- भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध मई और जुलाई 1999 के बीच हुआ था। युद्ध के अंत तक, भारतीय सेना और वायुसेना ने पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ किए गए क्षेत्रों को वापस ले लिया था। कारगिल की जीत ने वाजपेयी की प्रतिष्ठा को देश के एक मजबूत और सक्षम नेता के रूप में प्रतिष्ठित किया था।
- कारगिल युद्ध की जीत के वजह से 1999 के आम चुनाव में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए फिर से सबसे बड़े राजनीतिक गठबंधन के रूप में उभरी। अक्टूबर 1999 में वाजपेयी को तीसरे बार प्रधान मंत्री बनाया गया था।
- वे निजी क्षेत्रों को मजबूत बनाने, निजी शोध और विकास को प्रोत्साहित करने, कुछ सरकारी स्वामित्व वाले निगमों के निजीकरण करने आदि जैसे कई आर्थिक और आधारभूत सुधारों की शुरुआत किये थे। उनकी प्रमुख परियोजनाएं राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना और प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना थीं।
- अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंगटन ने मार्च 2000 में भारत की राजकीय यात्रा किये। भारत के क्लिंगटन की यात्रा दोनों देशों के बीच विदेशी व्यापार और आर्थिक संबंधों में सुधार के लिए बहुत महत्वपूर्ण थी।
- व्यापार संघों और सरकारी कर्मचारियों द्वारा वाजपेयी के निजीकरण अभियानों की आलोचना की गई क्योंकि अत्यधिक निजीकरण सरकारी कर्मचारियों के पक्ष में नहीं था।
- 2001 में, वे भारत-पाक संबंधों को सुधारने के उद्देश्य से पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को भारत में आमंत्रित किये। हालांकि, यह प्रयास ज्यादा सफलता प्राप्त नहीं कर सका।
- वे प्राथमिक शिक्षा के सार्वभौमिकरण के उद्देश्य से 2001 में सर्व शिक्षा अभियान लॉन्च किये थे।
- पाकिस्तान द्वारा प्रशिक्षित आतंकवादियों ने दिसंबर 2001 में नई दिल्ली में संसद भवन पर हमला किया था। जांच मे पाया गया कि इस षड्यंत्र की साजिश पाकिस्तान में रची गयी थी। लंबे समय तक दोनों देशों के बीच युद्ध का खतरा बना रहा। हमले के बाद आतंकवाद अधिनियम, 2002 (पोटा) को लागू किया गया था।
- वाजपेयी सरकार ने 2002-03 के दौरान कई आर्थिक सुधारों को लागू किया जिसके परिणामस्वरूप सकल घरेलू उत्पाद में 6-7% की रिकॉर्ड वृद्धि हुयी थी। इस दौरान भारत की अंतर्राष्ट्रीय छवि मे भी सुधार हुआ था।
- 2004 के आम चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी और वाजपेयी जी 2004 में प्रधान मंत्री पद से इस्तीफा दे दिये।
- वे 2005 में सक्रिय राजनीति से अपनी सेवानिवृत्ति की घोषणा की और 2009 के संसदीय चुनावों में भाग नहीं लिए।
प्रमुख कार्य Major Works
- 1998 में अपने शासनकाल के दौरान किए गए परमाणु परीक्षणों से भारत परमाणु शक्ति के रूप में स्थापित हुआ।
- राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (एनएचडीपी) और प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई), ये दो परियोजनाएं उनके दिल के बहुत करीब थीं। एनएचडीपी में दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता के चार प्रमुख शहरों को जोड़ना शामिल था। पीएमजीएसवाई एक राष्ट्रव्यापी योजना है जिसका उद्देश्य अनगिनत गांवों को अच्छी तरह से सड़क कनेक्टिविटी प्रदान करना है।
- उन्हें भारत के प्रधान मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान लाए गए आर्थिक सुधारों और निजीकरण अभियानों के लिए अत्यधिक सम्मानित किया जाता है। कारगिल युद्ध और आतंकवादी हमलों के दौरान राजनीतिक मुद्दों को संभालने के दौरान उनकी कूटनीति और नेतृत्व ने भारत की बुद्धिमान और सक्षम नेता के रूप में अपनी छवि को और मजबूत किये।
पुरस्कार और उपलब्धियां Awards and achievements
- 1992 में सार्वजनिक मामलों में उनके विशिष्ट योगदान के लिए उन्हें भारत में दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
- उन्हें 1994 में सर्वश्रेष्ठ संसदीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- 2014 में, उन्हें भारत रत्न, भारत गणराज्य का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
व्यक्तिगत जीवन और विरासत
- वे एक बेटी, नमिता को अपनाया था, और अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के बहुत करीबी सम्बन्ध था।
- उन्हें हिंदी भाषा से गहरा प्यार था और वे हिन्दी मे कई कवितायें लिखे है।
सामान्य जानकारी General Information
- पूर्व प्रधान मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने उन्हें भारतीय राजनीति के भीष्म पितामह कहते थे।
- उनके पसंदीदा गायक लता मंगेशकर, मुकेश और मोहम्मद रफी थे।
- वे एक विशाल राजनीतिक व्यक्तित्व के एकमात्र सांसद थे जिन्हे विभिन्न राज्यों जैसे यूपी, एमपी, गुजरात और दिल्ली से चुने गये थे।