50 साल बाद भारत में हिंदू धर्म का भविष्य क्या होगा? क्या हिंदुओं को कोई अन्य देशों में रहने की आवश्यकता होगी जहां आतंकवाद और धर्म परिवर्तन ना होता हो?
यदि जनसंख्या पर कानून नहीं बनाया गया तो 50 साल बाद भारत के कुछ प्रांतों में सशस्त्र बलों द्वारा सम्भाला जायेगा। आज जैसा काश्मीर का हाल है वैसा ही असम, बंगाल, केरल आदि प्रातों में होगा। जनसंख्या का समीकरण बदल रहा हैं और पिछले 75 वर्षों में हिन्दुओं की संख्या 86% से 78% हो गयी है। आने वाले कुछ सालों में ये लगभग 60% हों जायेंगे और कई जगह अल्पसंख्यक हो जायेंगे। बंगाल, केरल, आंध्र प्रदेश जैसे कई राज्यों में हिन्दू अल्पसंख्यक हो सकते हैं।
बहुत से लोग दूसरे देशों में बसना शुरू कर देंगे। धर्मांतरण बढ़ेगा और धर्मनिरपेक्षता की बदौलत भारत में धर्मांतरण विरोधी कानून कभी नहीं आ सकता। हिन्दू जातियों में बट कर और अपना वोट जाति के आधार पर देकर इस देश में अपनी कब्र खोदेंगे। आंतरिक विभाजन और एकता की कमी के कारण आक्रमणकारियों से हिन्दूओं का हार होगा। हिन्दूओं के हितों का बात करने वाला कोई भी व्यक्ति इस देश में सांप्रदायिक कहा जाता है और तथाकथित बुद्धिजीवी वर्ग तथा पैसे पर काम करने वाली मीडिया हिंदुओं को जागृत और एकजुट होने से रोकेंगे।
हिन्दू धर्म का लचीलापन होने के कारण भौगोलिक रूप से सिकुड़ रहा है और सबक नहीं सीख रहा है। यही हालात रहा तो यह आगे भी सिकुड़ता रहेगा। हिंदू जहां भी अल्पसंख्यक होगा वहां से उसका सफाया हो जायेगा। उदाहरण के लिए पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बंगलादेश।
हिंदू और मुसलमान एक साथ क्यों नहीं रह सकते
Difference between Hindu and Muslim , Future of Hinduism in India